सूर्य देव की साधना करने से मनुष्य को आरोग्य जीवन की प्राप्ति होती है । कहा जाता है कि मनुष्य का शरीर अपने आप में में जीवन के सभी क्रमो को समेटे हुए है और उस क्रम के बिगड़ के जाने पर किसी भी मनुष्य के शरीर में दोष की उत्पत्ति होती है ।
जानिए सूर्य का जीवन में महत्व
इस जगत में समस्त शक्तियों के जनक सूर्य को माना जाता है ,और मकर संक्रांति के दिन सूर्य की पूजा मनुष्य को जीवन में नई ऊर्जा , शक्ति , तेजस्विता और
आरोग्य प्रदान करती है । जड़ता , आलस्य और हीन भावनाएं सूर्य के प्रचंड ताप से भस्म हो जाती हैं।
सूर्य की साधना करने से मनुष्य को आरोग्य जीवन की प्राप्ति भी होती है ।
कहा जाता है कि मनुष्य का जीवन अपने आप में ही सृष्टि के सारे की को समेटे हुए है और जब भी वह क्रम बिगड़ जाता है तो उस मनुष्य के जीवन में दोष उत्पन्न होने लगते हैं जिसके कारण इस व्यक्ति के जीवन में व्याधि , पीढ़ा और दोष इन सब चीज का जन्म होता है । मन के भीतर दोष उत्पन्न हो जाते है।
जिससे की मनुष्य जीवन की मानसिक इच्छा शक्ति व बुद्धि क्षीर्ण हो जाती है । इन सभी दोषों का नाश किया जा सकता है सूर्य के तत्वों को जागृत करके । और इस सूर्य के तत्व को जागृत करने सबसे अच्छा अवसर माना जाता है मकर संक्रांति के दिन जो इस साल 14 जनवरी 2022 को है । इस दिन आप भी अपनी साधना को सम्पन्न करें व अपने रोगों से मुक्ति पा कर आरोग्य जीवन प्राप्त करें ।
रोग निवारण के लिए इस दिन करें ये उपाय
मकर संक्रांति के अवसर पर रोग के निवारण के लिए आप सूर्य की शांति का विशेष उपाय भी कर सकते हैं , हमारे पौराणिक शास्त्रों में यह वर्णित है की शरीर के हर अंग का कारक कोई न कोई ग्रह होता है । उसी तरह हर ग्रह
कमजोर स्थिति में कुछ विशेष रोग भी देते हैं , और तो और कुंडली में तो सूर्य को आत्मा , नेत्र , कुष्ठ रोग , उदार रोग , सफेद दाग व हृदय रोग आदि का कारक माना गया है ।
सूर्य ग्रह के दूषित होने पर माना जाता है कि व्यक्ति को इनमे से एक रोग अवश्य हो जाता है ।
यदि आप उपर्युक्त किसी रोग से ग्रस्त हैं तो साधना से आपकी रोग मुक्ति में अवश्य सहायक होगी।