मुनमुन दत्ता उर्फ बबीताजी एक अभिनेत्री और एक मॉडल हैं। उनका जन्म 28 सितंबर 1987 को दुर्गापुर, पश्चिम बंगाल, भारत में हुआ था। वह ‘सब टीवी’ शो ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ में ‘बबीता अय्यर’ के किरदार के लिए जानी जाती हैं।2004 में मुनमुन का पहला सीरियल हम सब बाराती था। उन्होंने सीरियल तारक मेहता का उल्टा चश्मा के लिए कई पुरस्कार जीते। दत्ता ने 2005 में ‘मुंबई एक्सप्रेस’ और ‘मोर’ जैसी फिल्मों में भी काम किया है।
मुनमुन दत्ता ने किया था अपना बुरा अनुभव शेयर
‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ इंडियन टेलीविजन पर सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले टीवी सीरियल है। वो ना केवल अपने कंटेंट के लिए बल्कि शो के स्टारर भी काफी लोकप्रिय है। सीरियल के कई कैरेक्टर ऐसे है, जिनको लोग उनके कैरेक्टर के नाम से ही जानते है। उनमें से ही एक हैं अभिनेत्री मुनमुन दत्ता, जो बबीता अय्यर की भूमिका निभाती हैं। वो एक लोकप्रिय हस्ती और सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहती हैं। मुनमुन दत्तालेकिन एक वक्त था जब वह भी यौन शोषण का शिकार हुई थीं और उन्होंने इसका खुलासा #MeToo मूवमेंट के जरिए करके अपने फैंस सहित इंडस्ट्री को चौंका दिया था।
अपनी पोस्ट में मुनमुन ने लिखा था कि
“मुझे यह देख कर आश्चर्य होता है कि कुछ ‘अच्छे’ मर्द लोग उन महिलाओं की संख्या देखकर स्तब्ध हैं, जिन्होंने बाहर आकर अपने साथ घटे बुरे अनुभवों को साझा किया है। वे आगे लिखती है कि “ये आपके ही घर में,आपकी ही बहन, बेटी, मां, पत्नी या यहां तक कि आपकी नौकरानी के साथ हो रहा है, अगर आप उनका भरोसा हासिल करें और उनसे यह सवाल पूछेंगे तो यकीनन उनका जवाब आपको हैरान कर सकता है। आप उनकी कहानी सुनकर सदमें में भी जा सकते हैं।”
उन्होंने अपने बुरे अनुभव याद करते हुए लिखा
“मैं अक्सर उन पड़ोस वाले अंकल की गंदी नज़रों से बचती हुई निकली हूँ जो मुझे पुरो तरह टटोलती रहती थी। औ साथ ही मुझे इस बारे में किसी से कुछ न कहने की धमकी भी देती थी। या वो दूर के कजिन जो अपनी बेटियों से अलग मुझे देखते थे। या फिर वो बड़ा भाई जिसने मुझे पैदा होते देखा था और 13 साल बाद वही मेरे बदन को गंदे मकसद से छू रहा था। सिर्फ इसलिए क्योंकि मैं किशोरी हो चूंकि हो, मेरा शरीर बदल रहा था।’
इसके अलावा मुनमुन ने लिखा कि “या मुझे कोचिंग पर पढ़ाने वाला टीचर जिसका हाथ कभी भी मेरे अंडरपेंट में होता था। या इसके अलावा एक और शिक्षिक, जिसे मैंने राखी बांधी थी, कक्षा में महिला छात्रों को उनकी ब्रा की स्टेप खींचकर और उनके स्तनों पर थप्पड़ मारता था। बबिता जी आगे लिखती हैं कि इसे अपने माँ बाप के सामने कैसे कह सकते हैं यह बात अंदर से कचोटती है। और इसीलिए ऐसे जुर्म होते रहते हैं।