इस दुनिया में कब क्या हो जाए कुछ नही पता। वैसे तो बॉलीवुड की दुनिया में कईओ ने अपनी किस्मत आजमाई है, पर उनमें कामयाबी कुछ ही लोगों को मिल पाई है। इसी क्रम में आज हम एक ऐसी महिला के संदर्भ में बात करने वाले है, जिसके पति गुजरने के बाद वो महिला अपने बच्चों को 5 रूपये तक नही दे पाती थी, पर 2 हजार का कर्ज लेकर बन गई करोड़ों की मालकिन । बता दें कि इस महिला ने सभी विपरीत परिस्थितियों का सामना करके जीवन में बड़ी सफलता हासिल की है ।
आखिर कौन है यह महिला ?
जिस महिला के संदर्भ में बात हम कर रहे है, वो सोलापुर जिले की रहने वाली है जिनका नाम है स्वाति ठोंगे । स्वाति का बचपन बहुत स्नेह के साथ अच्छे परिवार में गुजरा, पिता की कोई बहन नहीं थी इसलिए वह स्वाति को बहुत लाड़-प्यार से पालते थे , स्वाति स्कूल जाती थी ,वो जिस स्कूल में जाति थी उस स्कूल मे दसवीं तक पढ़ाई होती थी, लेकिन परिवार वालों की राय थी कि लड़कियों को पढ़ाना नहीं चाहिए उन्हे घर के काम करने चाहिए , स्वाति की पढ़ाई रोक दी गई, उनका पढ़ाई करके व्यावसायिक बनने का सपना अधूरा रह गया था, 2006 में उनके पिता ने उनकी शादी करदी थी , लेकिन 4 साल के अंदर उनके जीवन में संकटो का ही पहाड़ टुट पड़ा और उसके पति की मृत्यु हो गई, उस समय स्वाति की बेटी महज साढ़े तीन महीने की थी और बेटा दो साल का, चूंकि स्वाति का एक बड़ा परिवार है , वह चाहती थी कि उनका ससुराल भी ऐसा ही परिवार हो, लेकिन समय के साथ साथ उसका परिवार का सपना टूट गया, पति भी जल्द ही चला गया, उसे परिवार के अन्य सदस्यों का साथ चाहिए था लेकिन वह नहीं मिला, ससुर ने मदद करने से मना कर दिया था , तुम अपना और अपने बच्चो खुद देख लो ऐसा कहकर उसे अलग कर दिया था ।
क्या सहयोग मिला पिता से ?
पिता ने स्वाती को घर आने के का प्रस्ताव दिया था , पर स्वाति ने प्रस्ताव को अपनाने से इंसान कर दिया था , उन्होंने अपनी खुद की पहचान फिर से बनाने का निश्चय कर लिया था, स्वाति रोज रात को फुट फूट कर रोती थी, वह जानती थी कि रोने से कुछ नही होने वाला है, वह जानती थी कि बच्चों के लिए कुछ तो करना ही पड़ेगा, स्वाति को परिवार के सदस्यों से एक हैरान कर देने वाला अनुभव हुआ, स्वाति का बेटा अपने चाचा से मिठाई के लिए पैसे मांगता था, उसके चाचा ने उस 5 रुपये के लिए समय-समय पर स्वाति का अपमान किया। स्वाति को अपनी स्थिति के बारे में पता था, वह जानती थी कि अगर यह 5 रुपये के लिए होता है तो भविष्य में कितनी मुश्किलें आने वाली है , स्वाति की सास ने उसे एक स्वयं सहायता समूह में जाकर काम करने की सलाह दी, परिवार माना कर रहा था|
परिवार ने स्वाति से कहा कि अगर वह स्वयं सहायता समूह में जाना चाहते हैं तो हमसे दूर रहें, स्वाति ने भी एक साहसिक फैसला लेने का निश्चय किया कि बच्चों को फिर से किसी के पास पैसे मांगने न जाना पड़े, स्वयं सहायता समूह में जाने का स्वाति ने निश्चय किया। जब उन्होंने स्वयं सहायता समूह में काम करना शुरू किया तो उनका काम देखकर मार्केटिंग की जिम्मेदारी उन्हें सौप दी गई, यहां काम करते हुए स्वाति अभी भी अपना खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहती थी। फिर आगे चल कर स्वाति ने 2 हज़ार का कर्ज लेकर 2 करोड़ कमाए और वह इस तरह से मलिन बन गई ।