80 और 90 के दशक के मशहूर विलन का किरदार निभाने वाले सदाशिव अमरापुरकर तो आप सभी को याद होंगे| जिस प्रकार फिल्म एक हीरो के बिना अधूरी है उसी प्रकार इसमें विलन की भी पूरी पूरी भूमिका रहती है| और अक्सर आपने देखा होगा की 80 और 90 के दशक की फिल्मों में विलन का बहुत ही महत्वपूर्ण रोले होता था| आज के मुक़ाबले इन फिल्मों में ज़्यादा फाइटिंग सीन होते थे| और ज़्यादातर फिल्मों में यही होता था की विलन हीरोइन को किडनैप कर लेता था और उसके बाद हीरो उसे बचाने आता था और फिर एक फाइटिंग सीक्वेंस होता था| इन्हीं सभी विलन्स में से एक रहे हैं प्रसिद्ध सदाशिव अमरापुरकर|
इस हालत में हैं आज सदाशिव अमरापुरकर, जानेंगे तो आपकी आँखों में आ जायेंगे आंसू
सदाशिव अमरापुरकर जो की इंस्पेक्टर गोडबोले के नाम से भी प्रसिद्द हैं, उन्होंने लगभग हर फिल्म में विलन का किरदार ही निभाया है| वो अपने किरदार में इतना घुसकर अभिनय करते थे की हम उन्हें सच में ही विलन समझने लगते थे| 11 मई 1950 में जन्में इस महान कलाकार ने 300 से अधिक फिल्मों में काम किया है| और कई भाषाओँ में इन्होने फिल्में की हैं जैसे हिंदी , मराठी , बंगाली , ओरिया , हरयाणवी , तेलुगु और तमिल|क्योंकि इन्हें बचपन से ही अभिनय में दिलचस्पी थी तो इन्होने अपने एम्.ए. की पढ़ाई पूरी करने के बाद थिएटर ज्वाइन कर लिया और वहीँ से इनके अभिनय के करियर की शुरुआत हुई|
सदाशिव अमरापुरकर अका इंस्पेक्टर गोडबोले आज हैं इस हालत में
इस अभिनेता ने कई हिट फिल्मों में काम किया है| सड़क फिल्म में नेगेटिव रोल के लिए इन्हें पुरस्कार भी मिल चुका है| इन्होने वर्ष 1992 में आँखें फिल्म में इंस्पेक्टर प्यारे मोहन का किरदार निभाकर सभी को खूब हंसाया| आपको बता दें की लगभग 25 फिल्मों में इन्होने सिर्फ इंस्पेक्टर का किरदार ही निभाया है| इन्होने अपनी आखिरी फिल्म वर्ष 2013 में की जिसका नाम था बॉम्बे टॉकीज़|
वर्ष 2014 में इनकी ताब्यात बहुत ज़्यादा बिगड़ी और अचानक फेफड़ों में सूजन आ गयी, जिसके बाद इनको तुरंत कोकिलाबेन धीरूभाई अम्बानी अस्पताल में एडमिट कराया गया, और वहीँ इन्होने अपनी आखिरी साँसे ली| अगर इनके व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो ये अपने अभिनय के किरदार से बिलकुल अलग थे| रील लाइफ में भले ही ये विलन थे लेकिन असल ज़िन्दगी में किसी हीरो से कम नहीं थे और सामाजिक कार्यों में बढ़चढ़कर हिस्सा लेते थे|