आजकल देश में एक तरफ खेती के लिए जमीन कम होती दिखाई दे रही है , वही खेती को फायदे का काल बनाने की कोशिश काफी तेजी से चल रही है । यह इसलिए भी जरूरी है की बढ़ती हुई आबादी नजर अंदाज न करते हुए आने वाले सालों में मुश्किल से निपटना भी देश के सामने एक साहस भरी समस्या बन जायेगी ।
क्या फायदा हो सकता है खजूर की खेती का ?
खेती को फायदे का काम बनाने के लिए यह जरूरी है की किसान के साथ साथ उससे जुड़े और चीजें जैसे पशुपालन ,मछली पालन ,उद्यानिकी ,तबेला और भी बहुत सारी ऐसी ही गतिविधियों को आपस में एक दूसरे से जोड़ा जाता है इसके बिना खेती को फायदे के काम में बदलना जरूरी नहीं है ।
अभी कुछ समय पहले पुराने तरीकों से खेती करने के साथ साथ कृषि और नए नए पेट्रे आजमा रहे है ।ऐसे भी एक खेती होती है जिससे आपको फायदा हो सकता है ।यह खेती फायदे का सौदा साबित हो सकती है ।
वैसे तो खजूर की खेती अफ्रीकन और अरब के देश में ही की जाती है क्योंकि इसके पौधो को बड़ा होने में समय लगता है और फल को पूरी तरह से पकने के लिए काजी ज्यादा गर्मी की जरूरत होती है । पर यह विदेश में होने वाली खेती आधुनिक समय में हमारे भारत में बहुत सारे राज्यों में हो रही है ।
खजूर की खेती के लिए बहुत ज्यादा गर्मी की जरूरत पड़ती है ,आधुनिक समय में राजस्थान और गुजरात में इसकी खेती काफी ज्यादा मात्रा में की जाती है ।किसान अब्दुल रहमान की वजह से जयपुर में भी खेती के क्षेत्र में काफी ज्यादा प्रगति हुई है ।
कितने प्रकार के खजूर होते है?
यह भी खजूर की खेती से न सिर्फ अंधाधुंध पैसा कमा रहें है बल्कि यह बहुत ही ज्यादा कठिन समय में भी कभी हार न मान कर अपने काम को अंजाम देने में लगे रहे । उनको अच्छी खेती के लिए और उनकी खेती की लिए जी तोड़ मेहनत को देख कर्क्काफी पुरस्कारों से भी नवाजा गया है । अब्दुल रहमान ने खेती के लिए खून पसीना एक किया है । खजूर बहुत सारे तरह के होते है ।जैसे की खुनेजी ,हिल्लव्वी ,बरही आदि ।