कभी-कभी जीवन में कुछ ऐसे पल आ जाते हैं जिनकी हमें अपेक्षा भी नही होती । जिस पर यकीन करना थोड़ा मुश्किल होता है कि वाकई ऐसा हुआ है या नहीं । ऐसे ही एक दास्तां हैं। उसे सुनने के बाद आपको यकीन नहीं होगा कि क्या वाकई में ऐसा कुछ आज के समय में ऐसा होता होगा या नहीं। क्योंकि जहां थोड़े से पैसों के लिए इंसान किसी भी हद तक गुजर जाता है वहीं दूसरी तरफ एक शख्स के दफ्तर में इतना कैश पड़ा था जितना उसने जीवन में नहीं देखा होगा । जब उसे इस बात का पता चला तो उसके होश ही उड़ गए।
कहां से निकला था कैश ?
मामला न्यूयॉर्क का है जहां पर एक प्रोफेसर के दफ्तर में डेढ़ करोड़ रुपए से भरा बैग 9 महीनों से धूल ही फांक रहा था। लेकिन ना तो उसे और ना ही किसी स्टाफ को इसकी भनक तक थी।जबकि प्रोफेसर विनोद मेनन अपने कॉलेज में भौतिकी और गणित पढ़ाते थे। जबकि उनका कॉलेज पिछले 9 माह से बंद ही पड़ा था। क्योंकि महामारी की वजह से सारी पढ़ाई ऑनलाइन ही कराई जा रही थी। इसलिए जिसने ये बक्सा भेजा था वो उनके कॉलेज के दफ्तर में ही पड़ा हुआ था।
इस बक्से में डेढ़ करोड़ का कैश था। लेकिन किसी ने इसे खोला नहीं तो पता ही नहीं चल सका। 9 महीने बाद जब कॉलेज खुला तो प्रोफेसर ने अपने खत और बाहर से आए पार्सल खोले थे । जैसे ही उन्होंने कैेश वाले पार्सल को खोला तो उनके होश ही उड़ गए।क्योंकि जो चीज उनके सामने थी वो हैरान कर देने वाली थी। उस बक्से में ना तो किताबें थी और ना ही कोई प्रेजेंट था । और उसमे थे करारे नोट। जो करीब डेढ़ करोड़ रुपए का था । कैश के साथ ही प्रोफेसर को एक नोट भी मिले हुए था। जिसमे उस कैश के बारे में जानकारी लिखी हुई थी।
किसने निकाला था कैश ?
जबकि ये बक्सा विनोद मेनन के किसी पुराने स्टूडेंट ने भेजा था। स्टूडेंट न्यूयार्क के ही कॉलेज में पढ़ा था औऱ उसने भौतिकी में स्नातक करने के बाद पीएचडी स्कॉलर भी ली थी। फिजिक्स में डबल पीएचडी करने के बाद इस समय वह स्टूडेंट एक प्रतिष्ठित जगह में काम भी कर रहा था।